अंडे का पीला भाग: खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और नुकसान

अंडे का पीला भाग: खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और नुकसान

अंडे का पीला भाग: खाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और नुकसान

अंडा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो अपनी पोषण शक्ति के लिए दुनिया भर में मशहूर है। लेकिन जब बात अंडे के पीले भाग (योक) की आती है, तो लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि इसे खाना चाहिए या नहीं। कुछ इसे सेहत के लिए फायदेमंद मानते हैं, तो कुछ इसे कोलेस्ट्रॉल का कारण बताकर इससे परहेज करते हैं। आइए, इस पर तथ्यों के आधार पर चर्चा करें कि अंडे का पीला भाग खाने से क्या होता है और क्या यह वाकई आपके लिए अच्छा है या नहीं।

अंडे के पीले भाग में पोषक तत्व

अंडे का पीला भाग कई जरूरी पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें प्रोटीन, विटामिन A, D, E और B12, साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड और कोलीन जैसे तत्व पाए जाते हैं। कोलीन दिमाग के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है और यह याददाश्त व सीखने की क्षमता को बेहतर करता है। इसके अलावा, पीले भाग में एंटीऑक्सिडेंट्स जैसे ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन भी होते हैं, जो आंखों की सेहत के लिए लाभकारी हैं।

कोलेस्ट्रॉल का मिथक

एक समय ऐसा था जब अंडे के पीले भाग को कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का जिम्मेदार माना जाता था। इसमें करीब 186 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है, जो पहले चिंता का कारण बनता था। लेकिन हाल के शोध बताते हैं कि अंडे से मिलने वाला कोलेस्ट्रॉल ज्यादातर लोगों के खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को प्रभावित नहीं करता। यह प्रभाव आपके शरीर की संतृप्त वसा और ट्रांस फैट के सेवन पर ज्यादा निर्भर करता है। इसलिए, अगर आप संतुलित आहार लेते हैं, तो पीला भाग खाने से डरने की जरूरत नहीं।

फायदे

मांसपेशियों के लिए मददगार: पीले भाग में मौजूद प्रोटीन और अमीनो एसिड मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक हैं।
हड्डियों और दांतों के लिए: विटामिन D की मौजूदगी हड्डियों को मजबूत करती है।
ऊर्जा का स्रोत: इसमें मौजूद फैट और कैलोरी शरीर को तुरंत ऊर्जा देते हैं।
आंखों की रोशनी: एंटीऑक्सिडेंट्स मोतियाबिंद जैसी समस्याओं से बचाव करते हैं।

नुकसान

हालांकि अंडे का पीला भाग ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है, लेकिन कुछ मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए:

एलर्जी: कुछ लोगों को अंडे से एलर्जी हो सकती है, जिसके लक्षण त्वचा पर चकत्ते या सांस लेने में तकलीफ हो सकते हैं।
अधिक मात्रा: अगर आप पहले से ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं और डॉक्टर ने सख्त डाइट चार्ट दिया है, तो इसे सीमित मात्रा में खाएं।
कच्चा सेवन: कच्चे पीले भाग में साल्मोनेला बैक्टीरिया का खतरा हो सकता है, इसलिए इसे हमेशा पकाकर खाएं।

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