अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद निर्णय लिया, जिसके तहत संघीय सरकार अब केवल दो लिंगों—पुरुष और महिला—को ही मान्यता देगी। इस आदेश के अनुसार, ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी व्यक्तियों को कानूनी मान्यता नहीं मिलेगी, जिससे LGBTQ+ समुदाय के अधिकारों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
ट्रम्प के आदेश का विवरण
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद, ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें संघीय सरकार की आधिकारिक नीति के तहत केवल दो लिंगों—पुरुष और महिला—को मान्यता देने की बात कही गई है। इसके साथ ही, सभी सरकारी दस्तावेज़ों, जैसे पासपोर्ट, वीज़ा, और अन्य पहचान पत्रों में “लिंग” का उल्लेख अनिवार्य कर दिया गया है। ट्रम्प ने अपने भाषण में कहा, “आज से संयुक्त राज्य की आधिकारिक नीति में केवल दो लिंग—पुरुष और महिला—होंगे।”
इस फैसले के पीछे की वजह
ट्रम्प प्रशासन का तर्क है कि यह कदम लैंगिक विचारधारा के अतिक्रमण से महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है। उनका मानना है कि लिंग की पारंपरिक परिभाषाओं को बनाए रखना महिलाओं के खेलों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। ट्रम्प ने कहा, “हम महिलाओं के खेलों में किसी भी पुरुष को भाग लेने नहीं देंगे।”
ट्रांसजेंडर समुदाय पर प्रभाव
इस आदेश का सबसे बड़ा प्रभाव ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी समुदाय पर पड़ेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं पर रोक: आदेश के तहत संघीय धन का उपयोग लिंग-परिवर्तन सर्जरी या संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नहीं किया जाएगा, जिससे ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आवश्यक चिकित्सा सेवाएं महंगी और कठिन हो जाएंगी।
कानूनी पहचान का संकट: ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को अब अपनी पहचान के लिए कानूनी मान्यता प्राप्त करने में कठिनाई होगी, जिससे उनके लिए आधिकारिक दस्तावेज़ों में अपनी पहचान को मान्यता दिलाना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
समानता कार्यक्रमों का अंत: ट्रम्प प्रशासन ने संघीय एजेंसियों में चल रहे विविधता, समानता, और समावेशन (DEI) कार्यक्रमों को “बेकार और कट्टरपंथी” बताते हुए खत्म करने का आदेश दिया है, जिससे कार्यस्थलों में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए समर्थन और समावेशन के प्रयासों को नुकसान पहुंचेगा।
आलोचना और समर्थन
ट्रम्प के इस फैसले पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।
आलोचना: LGBTQ+ संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह निर्णय ट्रांसजेंडर और नॉन-बाइनरी व्यक्तियों के अधिकारों को खत्म करने और उनके साथ भेदभाव को बढ़ावा देने वाला है। वे इसे लैंगिक पहचान की स्वतंत्रता पर हमला मानते हैं और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन करार देते हैं।
समर्थन: ट्रम्प समर्थकों का मानना है कि यह कदम पारंपरिक लिंग परिभाषाओं को बनाए रखने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है। उनका तर्क है कि लिंग की पारंपरिक परिभाषाओं को बनाए रखना समाज में स्थिरता और नैतिकता के लिए महत्वपूर्ण है।
DEI कार्यक्रमों का अंत
ट्रम्प के दूसरे आदेश में संघीय एजेंसियों में चल रहे विविधता, समानता, और समावेशन (DEI) कार्यक्रमों को खत्म करने की बात कही गई है। ट्रम्प ने इन कार्यक्रमों को “अमेरिकी समाज में भेदभाव बढ़ाने वाला” करार दिया। यह आदेश संघीय भर्ती प्रक्रिया में जाति, लिंग, और पहचान के आधार पर किसी भी तरह की तरजीह को खत्म करने की बात करता है।