आईपीएस अमित लोढ़ा का प्रमोशन: नीतीश सरकार ने बनाया एडीजी
पटना: बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा को नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। 1986 बैच के इस भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी को इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजी) से अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) के पद पर प्रमोशन दिया गया है। वर्तमान में अमित लोढ़ा स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो में आईजी के तौर पर कार्यरत थे। इस प्रमोशन के साथ ही उनकी सेवाओं को बिहार पुलिस में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
अमित लोढ़ा का नाम उस समय सुर्खियों में आया था जब उनकी किताब “बिहार डायरीज” पर आधारित नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज “खाकी: द बिहार चैप्टर” रिलीज हुई थी। इस सीरीज ने न केवल उनकी लोकप्रियता बढ़ाई, बल्कि बिहार पुलिस की चुनौतियों और उनके करियर की झलक भी देश-दुनिया के सामने पेश की। हालांकि, उनकी प्रसिद्धि के साथ-साथ कुछ विवाद भी जुड़े, जब उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच शुरू हुई थी। इसके बावजूद नीतीश सरकार ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
बिहार सरकार के इस फैसले को पुलिस प्रशासन में अधिकारियों की जवाबदेही और प्रगति पर बढ़ते जोर के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रमोशन लोढ़ा के लंबे और विशिष्ट करियर का सम्मान है, जिसमें उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई।
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2023 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने शासन में आईएएस अधिकारियों की भूमिका पर प्रकाश डाला और इसे राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। लोढ़ा के प्रमोशन और इस मुलाकात को मिलाकर देखें तो यह स्पष्ट है कि नीतीश सरकार प्रशासनिक अधिकारियों के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, अमित लोढ़ा के प्रमोशन के साथ ही उनके खिलाफ चल रही जांच का दबाव भी चर्चा में है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य सतर्कता विभाग द्वारा शुरू की गई जांच अभी भी जारी है, जिसमें उन पर अपनी किताब और वेब सीरीज से जुड़े सौदों के लिए सरकारी अनुमति न लेने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। इस प्रमोशन के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच का उनके करियर पर क्या असर पड़ता है।
फिलहाल, बिहार पुलिस और प्रशासनिक हलकों में इस प्रमोशन को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। अमित लोढ़ा के प्रशंसक इसे उनकी मेहनत और समर्पण का पुरस्कार मान रहे हैं, जबकि आलोचक जांच के परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। नीतीश सरकार का यह कदम निश्चित रूप से राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।