आकाश आनंद की बसपा में धमाकेदार वापसी, बने मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर
लखनऊ, 19 मई 2025: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया है। यह ऐलान 18 मई 2025 को दिल्ली में हुई बसपा की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान किया गया। आकाश की इस नियुक्ति ने पार्टी में उनकी मजबूत वापसी को चिह्नित किया है, और वह अब मायावती के बाद पार्टी की कमान में नंबर दो की भूमिका निभाएंगे। इस कदम को 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की रणनीति के तहत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
नियुक्ति का विवरण
मायावती ने दिल्ली में आयोजित बसपा की राष्ट्रीय बैठक में आकाश आनंद को मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के नए पद पर नियुक्त करने की घोषणा की। बसपा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निर्णय पार्टी नेताओं की सहमति से लिया गया। आकाश को न केवल यह शीर्ष पद सौंपा गया, बल्कि पार्टी के तीन अन्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटरों—आनंद कुमार, रामजी गौतम, और एक अन्य नेता—को भी अब उन्हें रिपोर्ट करना होगा। यह व्यवस्था आकाश को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में मायावती के बाद सबसे प्रभावशाली नेता बनाती है।
आकाश ने नियुक्ति के बाद मायावती का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं बहन जी के मार्गदर्शन में काम करूंगा और उनके द्वारा तय मर्यादाओं के भीतर पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर और कांशीराम जी के मिशन को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।
आकाश आनंद का सियासी सफर
आकाश आनंद का बसपा में सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2019 में उन्हें पहली बार राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया, और 2023 में मायावती ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। हालांकि, 2024 में उनकी आक्रामक भाषण शैली और कुछ विवादित बयानों के कारण मायावती ने उन्हें राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया था। मार्च 2025 में, आकाश को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
13 अप्रैल 2025 को, आकाश ने सोशल मीडिया पर मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, अपनी गलतियों को स्वीकार किया, और पार्टी में वापसी की गुहार लगाई। मायावती ने उसी दिन उन्हें माफ कर पार्टी में वापस लिया। अप्रैल 2025 में ईशान आनंद की शादी के दौरान मायावती और आकाश के बीच सुलह की खबरें भी सामने आईं। अब मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के रूप में उनकी नियुक्ति से स्पष्ट है कि मायावती ने उन्हें पूर्ण विश्वास के साथ बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
नियुक्ति का राजनीतिक महत्व
आकाश की वापसी और मुख्य राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति को बसपा की 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि मायावती ने यह कदम युवा और दलित मतदाताओं को जोड़ने के लिए उठाया है। आकाश की आक्रामक और जोशीली भाषण शैली ने पहले भी युवाओं को आकर्षित किया था, और उनकी सोशल मीडिया पर सक्रियता पार्टी को आधुनिक बनाने में मदद कर सकती है।
हालांकि, कुछ नेताओं को आशंका है कि आकाश की नई भूमिका से पार्टी में पुराने नेताओं के बीच असंतोष बढ़ सकता है। मायावती ने इस नियुक्ति के साथ यह भी सुनिश्चित किया कि आकाश उनकी मर्यादाओं और मार्गदर्शन में काम करें, जिससे संगठनात्मक अनुशासन बना रहे।
बसपा की रणनीति और भविष्य
बसपा का सियासी ग्राफ 2012 के बाद से कमजोर हुआ है, और 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। ऐसे में, आकाश की नियुक्ति को पार्टी को पुनर्जनन देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। मायावती ने आकाश को देशभर में पार्टी के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी दी है, जिसमें संगठन को मजबूत करना, नए नेताओं को तैयार करना, और दलित-बहुजन मतदाताओं को एकजुट करना शामिल है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, आकाश को उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया गया है। उनकी युवा छवि और आधुनिक दृष्टिकोण से बसपा को नए मतदाता वर्ग, खासकर शहरी और शिक्षित युवाओं, तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।