उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू का बढ़ता खतरा: आगरा और वाराणसी में अंडे और मांस न खाने की अपील
उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) का खतरा एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में एक बाघिन की बर्ड फ्लू से मौत के बाद, आगरा और वाराणसी सहित कई जिलों में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अंडे और मांस का सेवन अस्थायी रूप से टालने की अपील की है, ताकि इस वायरस के संभावित प्रसार को रोका जा सके।
बर्ड फ्लू की स्थिति और प्रशासन की कार्रवाई
हाल ही में, गोरखपुर में बाघिन की मौत के बाद जांच में H5N1 स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने तत्काल प्रभाव से लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर और इटावा लायन सफारी सहित सभी चिड़ियाघरों को 20 मई तक बंद करने का आदेश जारी किया। आगरा और मेरठ में भी अलर्ट जारी किया गया है, जहां पशुपालन विभाग ने विशेषज्ञों की टीमें गठित की हैं जो संदिग्ध मामलों की जांच कर रही हैं।
आगरा में, स्थानीय प्रशासन ने पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। वहीं, वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और केवल अच्छी तरह से पके हुए भोजन का सेवन करने की सलाह दी है। पशुपालन विभाग के अनुसार, बर्ड फ्लू का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर नष्ट हो जाता है, इसलिए पूरी तरह से पके हुए अंडे और मांस को सुरक्षित माना जा सकता है। फिर भी, सतर्कता के तौर पर, दोनों शहरों में लोगों से अस्थायी रूप से इनका सेवन न करने की अपील की गई है।
विशेषज्ञों की राय और सावधानियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू का H5N1 स्ट्रेन मुख्य रूप से पक्षियों में फैलता है, लेकिन यह मनुष्यों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है, खासकर तब जब लोग कच्चे या कम पके हुए पोल्ट्री उत्पादों का सेवन करते हैं या संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आते हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि लोग निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
अच्छी तरह से पकाएं भोजन: अंडे और मांस को कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस पर 30 मिनट तक पकाएं।
हाइजीन का ध्यान रखें: पोल्ट्री उत्पादों को संभालने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं।
संदिग्ध पक्षियों से दूरी: मरे हुए पक्षियों या संदिग्ध जानवरों के पास न जाएं और इसकी सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
वैकल्पिक प्रोटीन स्रोत: बर्ड फ्लू के दौरान दाल, बीन्स, टोफू और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ सुरक्षित विकल्प हैं।
जनता में चिंता और आर्थिक प्रभाव
बर्ड फ्लू की खबरों के बाद, आगरा और वाराणसी में पोल्ट्री उत्पादों की मांग में कमी देखी गई है। स्थानीय पोल्ट्री व्यापारियों का कहना है कि लोग डर के कारण चिकन और अंडे खरीदने से बच रहे हैं, जिससे उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। कुछ व्यापारियों ने बताया कि चिकन की कीमतें पहले ही 20-30% तक गिर चुकी हैं।
हालांकि, पशुपालन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बड़े पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा उपायों के कारण अभी तक कोई बड़ा प्रकोप नहीं देखा गया है। फिर भी, छोटे और बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सरकार और प्रशासन का रुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग ने लोगों से चिड़ियाघरों की यात्रा से बचने और किसी भी असामान्य पशु मृत्यु की सूचना देने की अपील की है। इसके अलावा, आगरा और वाराणसी में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि लोग बर्ड फ्लू के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सकें और अनावश्यक दहशत से बचें।