पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 13 से 15 मार्च तक बारिश और ओलावृष्टि की संभावना: जानिए मौसम का अपडेट और असर
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में आगामी 13 मार्च से 15 मार्च तक मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, इस अवधि में बादल छाए रहने, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है, जो क्षेत्र के किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, एक नया पश्चिमी विक्षोभ 14 मार्च से सक्रिय होगा, जिसका प्रभाव उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में देखा जाएगा। पश्चिमी विक्षोभ एक मौसमी प्रणाली है जो भूमध्य सागर से उत्पन्न होकर भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी हिस्सों में प्रवेश करती है, जिससे बारिश और बर्फबारी होती है। इस विक्षोभ के कारण तापमान में गिरावट और मौसम में उतार-चढ़ाव की संभावना है।
प्रभावित जिले और संभावित मौसम परिवर्तन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इस विक्षोभ का प्रभाव देखा जा सकता है। विशेष रूप से, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, बुलंदशहर, हाथरस और बहराइच में बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना है। इन जिलों में 14 और 15 मार्च को मौसम परिवर्तनशील रहेगा।
कृषि पर संभावित प्रभाव
इस मौसम परिवर्तन का कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। ओलावृष्टि और बारिश से गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं और मौसम विभाग के अपडेट्स पर निगरानी रखें।
तापमान में उतार-चढ़ाव
मौसम विभाग के अनुसार, इस अवधि में तापमान में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। लखनऊ में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। गाजियाबाद में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। नोएडा में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार, 13 मार्च तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन 14 मार्च को नया सिस्टम सक्रिय होने से मौसम में तेजी से बदलाव आएगा। इसके परिणामस्वरूप, 14 मार्च की रात से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र प्रभावित हो सकता है, जिससे उत्तर प्रदेश के मौसम में भी परिवर्तन होगा। इस दौरान गरज चमक के साथ बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है।
किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए सलाह
मौसम में इस बदलाव को देखते हुए, किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। ओलावृष्टि से फसलों को बचाने के लिए उचित प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करें। स्थानीय निवासी भी मौसम विभाग के अपडेट्स पर निगरानी रखें और आवश्यकतानुसार सावधानी बरतें।