रूस ने AI की मदद से उड़ाया Su-57, अमेरिका हैरान, भारत संभावित खरीदार
मॉस्को, 20 मई 2025: रूस ने अपनी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट सुखोई Su-57 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक का उपयोग कर एक ऐतिहासिक उड़ान परीक्षण किया, जिसने वैश्विक रक्षा समुदाय, विशेषकर अमेरिका को आश्चर्यचकित कर दिया है। इस उड़ान में AI ने न केवल जेट की निगरानी और नियंत्रण में सहायता की, बल्कि जटिल युद्ध परिदृश्यों में स्वायत्त निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदर्शित की। रूस ने भारत को इस उन्नत विमान के संयुक्त उत्पादन और तकनीकी हस्तांतरण का प्रस्ताव दिया है, जिससे भारत इस विमान का संभावित खरीदार बन सकता है। यह कदम भारत-रूस रक्षा संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।
AI-सहायता प्राप्त Su-57 उड़ान
रूसी एयरोस्पेस फोर्स (VKS) ने हाल ही में Su-57 फेलॉन स्टील्थ फाइटर जेट का एक नया बैच प्राप्त किया, जिसमें AI-सहायता प्राप्त सिस्टम शामिल हैं। अप्रैल 2025 में सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में दो नए Su-57 विमानों, “25” रेड (RF-81796) और “26” रेड (RF-81797) को देखा गया। इन विमानों में AI का उपयोग पायलट के कार्यभार को कम करने, वास्तविक समय में युद्धक्षेत्र का विश्लेषण करने, और स्वायत्त निगरानी व इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संचालन के लिए किया गया। यह तकनीक Su-57 को हवाई प्रभुत्व, जमीनी हमला, और निगरानी जैसे बहु-भूमिका कार्यों में सक्षम बनाती है।
रूसी अधिकारियों का दावा है कि AI का उपयोग Su-57 को अमेरिकी F-35 और चीनी J-20 जैसे विमानों के मुकाबले अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है। इस उड़ान ने अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों को आश्चर्यचकित किया, क्योंकि रूस ने उत्पादन में देरी के बावजूद AI एकीकरण में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई।
भारत के लिए रूस का प्रस्ताव
रूस ने फरवरी 2025 में Aero India 2025 एयर शो के दौरान भारत को Su-57E परियोजना के लिए तीन आकर्षक प्रस्ताव दिए:
तैयार विमानों की आपूर्ति: भारत को पूरी तरह निर्मित Su-57E विमान उपलब्ध कराए जाएंगे।
संयुक्त उत्पादन: भारत में Su-30MKI के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग कर Su-57E का उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
तकनीकी सहायता: भारत के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट, एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए रूस तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के महानिदेशक अलेक्जेंडर मिखेव ने कहा, “हम भारत के साथ Su-57E परियोजना में व्यापक सहयोग की पेशकश करते हैं, जिसमें संयुक्त उत्पादन और भारत के AMCA कार्यक्रम में सहायता शामिल है।” यह प्रस्ताव भारत के लिए विशेष रूप से आकर्षक है, क्योंकि Su-30MKI का उत्पादन करने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की सुविधाएं Su-57E के लिए उपयोग की जा सकती हैं।
भारत की स्थिति
भारत ने 2018 में Su-57 के सह-विकास कार्यक्रम से बाहर निकलने का फैसला किया था, क्योंकि तकनीकी हस्तांतरण, लागत, और प्रदर्शन पर असहमति थी। हालांकि, रूस के नए प्रस्ताव और AI-सहायता प्राप्त Su-57 की क्षमताओं ने भारत का ध्यान फिर से आकर्षित किया है। भारत वर्तमान में इस प्रस्ताव का मूल्यांकन कर रहा है, लेकिन कोई अंतिम समझौता अभी तक नहीं हुआ। भारत के पास 260 Su-30MKI और 65 मिग-29 विमान हैं, और रूस उसका प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है, जो 2019-2023 में भारत के 36% आयात के लिए जिम्मेदार था।
भारत के सामने अब दो विकल्प हैं: रूस के साथ Su-57E परियोजना में निवेश करना या अमेरिका के F-35 जैसे अत्याधुनिक विमानों पर विचार करना। विशेषज्ञों का मानना है कि F-35 और Su-57 की तुलना मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर की जा रही है, और भारत की प्राथमिकता स्वदेशी AMCA परियोजना को बढ़ावा देना हो सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
अमेरिका ने रूस की AI-सहायता प्राप्त Su-57 उड़ान पर आश्चर्य व्यक्त किया है, क्योंकि यह तकनीक रूस की उत्पादन चुनौतियों के बावजूद उसकी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाती है। अमेरिकी प्रतिबंधों और इंजन विकास में देरी ने Su-57 के उत्पादन को प्रभावित किया है, लेकिन हालिया प्रगति ने इसे वैश्विक बाजार में आकर्षक बनाया है। अल्जीरिया ने कथित तौर पर Su-57 का पहला खरीदार बनने का फैसला किया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।