वाराणसी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का निर्माण तेज़ी पर, 30% काम पूरा, हवाई यात्रा होगी और आसान
वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल के निर्माण कार्य में तेजी आ रही है, जिससे क्षेत्र की हवाई यातायात सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है। लगभग 30% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और परियोजना की कुल लागत 900 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है।
इस तीन मंज़िला बिल्डिंग मे ग्राउंड फ्लोर पर आगमन हाल हॉल होगा। जबकि प्रथम तल पर प्रस्थान हॉल होगा। जिसमे तीसरे तल पर कार्यालय होगा। इस टर्मिनल बिल्डिंग मे 8 एयरो ब्रिज, 8 कन्वेयर बेल्ट और 72 चेक- इन काउंटर सहित 14 सिक्योरिटी होगा। इस सिक्योरिटी वाले एरिया मे काशी से जुड़ी संस्कृतिया और कलाकृति होगी जिनमे वैदिक मंत्र लिखा होगा।
नए टर्मिनल की विशेषताएँ
नया टर्मिनल भवन 75,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा और तीन मंजिला संरचना के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें ग्राउंड फ्लोर पर आगमन, पहले तल पर प्रस्थान, और दूसरे तल पर कार्यालय होंगे। टर्मिनल की डिजाइन काशी विश्वनाथ धाम और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार से प्रेरित है, जो स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
निर्माण की आवश्यकता
मौजूदा टर्मिनल की क्षमता केवल 800 यात्रियों की है, जबकि वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 10,000 यात्री हवाई अड्डे का उपयोग करते हैं। इस बढ़ती हुई यात्री संख्या के कारण नए और बड़े टर्मिनल की आवश्यकता महसूस की गई। नया टर्मिनल प्रति घंटे 5,000 यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा, जिससे सालाना एक से डेढ़ करोड़ यात्रियों की आवाजाही संभव हो सकेगी।
वित्तीय विवरण
परियोजना की कुल लागत 2870 करोड़ रुपये है, जिसमें से 897 करोड़ रुपये नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए निर्धारित किए गए हैं। इस कार्य के लिए अहलूवालिया कंस्ट्रक्शन कंपनी को ठेका दिया गया है, और निर्माण कार्य को 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है।
हवाई अड्डे की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में, वाराणसी हवाई अड्डे पर प्रतिदिन 60 से 70 विमानों की आवाजाही होती है, जिसमें लगभग 10,000 से 12,000 यात्री शामिल हैं। नए टर्मिनल के निर्माण के बाद, एक घंटे में 38 विमानों की आवाजाही संभव हो सकेगी, जिससे हवाई अड्डे की संचालन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
भविष्य की योजनाएँ
नए टर्मिनल के साथ-साथ, हवाई अड्डे के विस्तार में रनवे का विस्तार, आईएलएस कैट-3 प्रणाली की स्थापना, नया कार्गो टर्मिनल, विमान हैंगर, विमान स्टैंड, और नया रडार स्थापित करना शामिल है। इन सुधारों से बोइंग जैसे बड़े विमानों की लैंडिंग संभव हो सकेगी, और खराब मौसम में विमानों को डायवर्ट या निरस्त करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
नए टर्मिनल के निर्माण और हवाई अड्डे के विस्तार से वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों के यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी, साथ ही क्षेत्र की आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।