वाराणसी के नए डीएम सत्येंद्र कुमार ने संभाला कार्यभार, जनहित को बनाया प्राथमिकता

वाराणसी के नए डीएम सत्येंद्र कुमार ने संभाला कार्यभार, जनहित को बनाया प्राथमिकता

वाराणसी, 23 अप्रैल 2024 : काशी की पावन धरती पर प्रशासनिक बदलाव की नई हवा बही, जब आईएएस अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने वाराणसी के नए जिलाधिकारी (डीएम) के रूप में कार्यभार संभाला। इस अवसर पर उन्होंने प्रेस वार्ता में अपनी प्राथमिकताओं को साझा करते हुए कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित निस्तारण और जिले के सर्वांगीण विकास के लिए वे प्रतिबद्ध हैं।

कौन हैं सत्येंद्र कुमार?

सत्येंद्र कुमार 2012 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं, जिन्हें उनकी कार्यकुशलता और जनहित के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है। इससे पहले वे बाराबंकी के जिलाधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, जहां उन्होंने महादेवा कॉरिडोर जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई। उनकी साफ-सुथरी छवि और तेज-तर्रार कार्यशैली ने उन्हें उत्तर प्रदेश प्रशासन में एक विश्वसनीय चेहरा बनाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव के पद पर कार्यरत सत्येंद्र को अब वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण जिले की कमान सौंपी गई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।

कार्यभार ग्रहण के साथ नई शुरुआत

सत्येंद्र कुमार ने 22 अप्रैल 2025 को वाराणसी के कलेक्ट्रेट में औपचारिक रूप से जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व डीएम एस. राजलिंगम से जिम्मेदारी हस्तांतरित की, जो अब वाराणसी के मंडलायुक्त बनाए गए हैं। कार्यभार संभालने के बाद सत्येंद्र ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिले की वर्तमान परियोजनाओं, कानून-व्यवस्था और जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया।

प्रेस वार्ता में सत्येंद्र ने कहा, “काशी में सेवा का अवसर मिलना मेरे लिए गौरव की बात है। मेरा प्रयास होगा कि जनता की समस्याओं का समयबद्ध समाधान हो और वाराणसी विकास के नए आयाम छूए।” उन्होंने विशेष रूप से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा सफाई, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और पर्यटन विकास पर ध्यान देने की बात कही।

जनता की उम्मीदें और चुनौतियां

वाराणसी, जिसे भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है, एक ऐसा जिला है जहां प्रशासनिक कुशलता की विशेष आवश्यकता होती है। यह शहर न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट्स का केंद्र भी है। सत्येंद्र कुमार के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। शहर में यातायात प्रबंधन, बुनियादी ढांचे का विकास, गंगा की स्वच्छता और पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाने जैसे मुद्दों पर उन्हें विशेष ध्यान देना होगा।

स्थानीय निवासियों ने नए डीएम से काफी उम्मीदें जताई हैं। एक स्थानीय व्यापारी रमेश यादव ने कहा, “हमें उम्मीद है कि नए डीएम साहब शहर की समस्याओं को समझेंगे और विकास कार्यों में तेजी लाएंगे।” वहीं, एक छात्रा नेहा ने कहा, “शिक्षा और युवा रोजगार के अवसरों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि काशी के युवा आत्मनिर्भर बन सकें।”

प्रशासनिक बदलाव का व्यापक असर

सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर आईएएस अधिकारियों के तबादलों का हिस्सा है। इस तबादले में वाराणसी के पूर्व मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है, जबकि एस. राजलिंगम को मंडलायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई। यह बदलाव वाराणसी में प्रशासनिक तालमेल को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

भविष्य की दिशा

सत्येंद्र कुमार ने अपने पहले दिन से ही यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका फोकस जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता देने पर होगा। उन्होंने जिला प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने का वादा किया है। काशी की जनता अब उनके नेतृत्व में एक नए युग की शुरुआत की उम्मीद कर रही है, जहां विकास और परंपरा का संगम और मजबूत होगा।

वाराणसी के इस नए अध्याय में सत्येंद्र कुमार की भूमिका न केवल प्रशासनिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों को गति देने वाली साबित हो सकती है। काशी की जनता और प्रशासन अब उनके पहले कदम का इंतजार कर रहा है।

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