वाराणसी डीएम ने जल जीवन मिशन में देरी पर जताई नाराजगी, शीघ्र पेयजल आपूर्ति के दिए निर्देश

वाराणसी डीएम ने जल जीवन मिशन में देरी पर जताई नाराजगी, शीघ्र पेयजल आपूर्ति के दिए निर्देश

वाराणसी, 14 मई 2025: वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) सत्येंद्र कुमार सिंह ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत घर-घर जल कनेक्शन प्रदान करने में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को आयोजित एक समीक्षा बैठक में डीएम ने परियोजना की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और जल निगम, ग्राम पंचायतों, और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र पेयजल आपूर्ति शुरू करने के सख्त निर्देश दिए। यह कदम वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को गति देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जल जीवन मिशन की प्रगति और चुनौतियां

जल जीवन मिशन का लक्ष्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था। वाराणसी में इस योजना के तहत 8 ब्लॉकों—चिरईगांव, काशी विद्यापीठ, हरहुआ, चोलापुर, पिंडरा, बड़ागांव, सेवापुरी, और आराजी लाइन—में 2.67 लाख से अधिक परिवारों को कनेक्शन देना प्रस्तावित है। हालांकि, मई 2025 तक केवल 60% परिवारों को ही कनेक्शन मिल पाया है। देरी के प्रमुख कारणों में शामिल हैं:

  • पाइपलाइन बिछाने में भूमि विवाद और तकनीकी कठिनाइयां।
  • ओवरहेड टैंकों और पंप हाउस के निर्माण में देरी।
  • कार्यदायी संस्थाओं की ओर से संसाधनों और श्रम की कमी।
  • कुछ क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों का अपर्याप्त सहयोग।

डीएम ने बताया कि कई गांवों में पाइपलाइन बिछाने के बाद भी गड्ढों को नहीं भरा गया, जिससे ग्रामीणों को असुविधा हो रही है।

डीएम की समीक्षा और निर्देश

समीक्षा बैठक में डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने जल निगम और कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी। उन्होंने पाया कि कई परियोजनाएं अनावश्यक देरी का शिकार हैं। डीएम ने निम्नलिखित निर्देश जारी किए:

कार्य में तेजी: सभी अधूरे कार्यों को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

गुणवत्ता सुनिश्चित करना: पाइपलाइन और टैंकों की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा।

गड्ढों को भरना: पाइपलाइन बिछाने के बाद खुले गड्ढों को तत्काल भरने और सड़कों को दुरुस्त करने का आदेश।

निगरानी और जवाबदेही: प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट सौंपेगा।

जागरूकता अभियान: ग्रामीणों को योजना के लाभ और रखरखाव के बारे में जागरूक करने के लिए पंचायत स्तर पर अभियान चलाने का निर्देश।

डीएम ने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों की समस्याएं और अपेक्षाएं

वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से सेवापुरी और आराजी लाइन ब्लॉकों में, कई परिवार अभी भी हैंडपंप और कुओं पर निर्भर हैं। स्थानीय निवासियों ने शिकायत की है कि पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई। कुछ गांवों में पानी की गुणवत्ता भी चिंता का विषय है। डीएम ने जल निगम को पानी की नियमित जांच और आपूर्ति शुरू करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।

प्रशासन की तैयारी

डीएम ने जिला पंचायत और जल निगम को संयुक्त रूप से कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया। इसके तहत:

100 से अधिक गांवों में ओवरहेड टैंकों का निर्माण जून 2025 तक पूरा होगा।

पाइपलाइन विस्तार के लिए भूमि विवादों का समाधान स्थानीय स्तर पर किया जाएगा।

ग्राम पंचायतों को रखरखाव और जल आपूर्ति की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

जल निगम के कार्यकारी अभियंता ने बताया कि 785 राजस्व गांवों में से 300 में ओवरहेड टैंकों के माध्यम से और शेष में मोटर पंपों के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है। शेष गांवों को जल्द कवर करने की योजना है।

जल जीवन मिशन का महत्व

जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। वाराणसी में यह परियोजना न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देगी, बल्कि महिलाओं को पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करने की समस्या से भी राहत दिलाएगी। डीएम ने कहा, “स्वच्छ पानी हर परिवार का अधिकार है। हमारा लक्ष्य है कि वाराणसी के प्रत्येक घर में नल से जल पहुंचे।

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