वाराणसी डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने रामनगर वृद्धा आश्रम और रोपवे परियोजना का किया निरीक्षण

वाराणसी डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने रामनगर वृद्धा आश्रम और रोपवे परियोजना का किया निरीक्षण

वाराणसी, 3 मई 2025: वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) सत्येंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को रामनगर स्थित वृद्धा आश्रम और कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक निर्माणाधीन देश के पहले शहरी परिवहन रोपवे परियोजना का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वृद्धा आश्रम में सुविधाओं की जांच की और रोपवे परियोजना की प्रगति की समीक्षा कर कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए। यह दौरा वाराणसी में सामाजिक कल्याण और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

रामनगर वृद्धा आश्रम का निरीक्षण

डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने रामनगर के वृद्धा आश्रम का दौरा कर वहां रह रही वृद्ध महिलाओं की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने आश्रम में भोजन, चिकित्सा सुविधाओं, स्वच्छता, और अन्य आवश्यक सेवाओं की गुणवत्ता की जांच की। डीएम ने आश्रम प्रबंधन को निर्देश दिए कि बुजुर्गों को बेहतर देखभाल प्रदान की जाए और उनकी शिकायतों का त्वरित समाधान हो। उन्होंने विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं पर जोर देते हुए नियमित मेडिकल चेकअप और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। डीएम ने कहा, “वृद्धजनों का सम्मान और उनकी देखभाल हमारी प्राथमिकता है। आश्रम में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए।”

रोपवे परियोजना का निरीक्षण

वृद्धा आश्रम के बाद, डीएम ने कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, और गिरजाघर स्टेशनों का दौरा कर रोपवे परियोजना की प्रगति का अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता, सुरक्षा मानकों, और समयसीमा पर ध्यान दिया। कैंट स्टेशन पर टर्मिनल निर्माण और काशी विद्यापीठ स्टेशन पर फसाड कार्य की जांच की गई। स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के अधिकारियों ने बताया कि 18 में से 15 टावर तैयार हैं, और केबल खींचने का कार्य तेजी से चल रहा है। डीएम ने निर्देश दिए कि परियोजना को दिसंबर 2025 तक ट्रायल रन के लिए तैयार किया जाए।

परियोजना की स्थिति और चुनौतियां

3.75 किलोमीटर लंबी यह रोपवे परियोजना 810 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और इसमें पांच स्टेशन होंगे। पहला चरण दिसंबर 2024 तक पूरा होने का लक्ष्य था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमीन अधिग्रहण विवाद के कारण फरवरी 2025 में निर्माण पर रोक लगी थी। अप्रैल 2025 में रोक हटने के बाद कार्य फिर शुरू हुआ। गोदौलिया स्टेशन को गिरजाघर की ओर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया, जिसे सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दी। डीएम ने शेष भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने और स्थानीय लोगों की शिकायतों का समाधान करने के निर्देश दिए।

परियोजना का महत्व

यह रोपवे भारत का पहला शहरी परिवहन रोपवे है, जो कैंट से गोदौलिया तक 16 मिनट में यात्रा पूरी करेगा। प्रति घंटे 6,000 यात्री इसका लाभ उठा सकेंगे, और किराया लगभग 60 रुपये होगा। यह परियोजना यातायात जाम को कम करने और काशी विश्वनाथ मंदिर व दशाश्वमेध घाट तक पहुंच को आसान बनाने में महत्वपूर्ण होगी। स्टेशनों पर काशी की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले प्रतीक लगाए जाएंगे।

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