वाराणसी में गर्मी का कहर: पारा चढ़ा, लोग हुए बेहाल, तापमान पहुंचा 41 डिग्री

वाराणसी में गर्मी का कहर: पारा चढ़ा, लोग हुए बेहाल, तापमान पहुंचा 41 डिग्री

वाराणसी, 12 मई 2025: उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर वाराणसी में गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। रविवार को तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे शहरवासी और पर्यटक गर्मी और उमस से बेहाल दिखे। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक गर्मी और लू की स्थिति बने रहने की चेतावनी दी है। सड़कों पर सन्नाटा और गंगा घाटों पर भीड़ कम होने से गर्मी का असर साफ दिखाई दिया।

तापमान और मौसम की स्थिति

मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को वाराणसी का अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी का स्तर 24% रहा, जिससे उमस ने लोगों को और परेशान किया। हवा की गति 8 किलोमीटर प्रति घंटे रही, जो गर्म हवाओं के रूप में लू का अहसास करा रही थी। सूर्योदय सुबह 5:15 बजे और सूर्यास्त शाम 6:33 बजे हुआ। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति और शुष्क हवाओं के कारण तापमान में वृद्धि हुई है। अगले तीन दिनों तक तापमान 40-42 डिग्री के बीच रहने की संभावना है।

गर्मी का जनजीवन पर प्रभाव

गर्मी ने वाराणसी के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। दशाश्वमेध और अस्सी घाट, जो आमतौर पर पर्यटकों और श्रद्धालुओं से गुलजार रहते हैं, दोपहर में सुनसान दिखे। स्थानीय निवासी रमेश यादव ने बताया, “दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। गर्म हवाएं चेहरा झुलसा रही हैं।” सड़कों पर ऑटो और रिक्शा चालकों की संख्या भी कम रही। बाजारों में दोपहर के समय दुकानें बंद दिखीं, और लोग छांव की तलाश में पेड़ों या दुकानों के बाहर जमा हुए।

किसानों और मजदूरों पर गर्मी का सबसे ज्यादा असर पड़ा। खेतों में काम करने वाले मजदूर रामू प्रसाद ने कहा, “सुबह 10 बजे के बाद काम करना असंभव है। पसीना सूख जाता है, और पानी बार-बार पीना पड़ता है।” स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू हो चुकी हैं, लेकिन सड़क पर काम करने वाले वेंडर और छोटे व्यापारी गर्मी में भी जीविका चलाने को मजबूर हैं।

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रभाव

डॉक्टरों ने गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन, हीटस्ट्रोक, और त्वचा संबंधी समस्याओं में वृद्धि की चेतावनी दी है। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉ. अनिल शर्मा ने बताया, “पिछले दो दिनों में डिहाइड्रेशन और लू से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ी है। लोगों को दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचना चाहिए।” उन्होंने पर्याप्त पानी पीने, हल्के रंग के कपड़े पहनने और सिर ढकने की सलाह दी।

प्रशासन की तैयारियां

वाराणसी प्रशासन ने गर्मी को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। गंगा घाटों और प्रमुख चौराहों पर मुफ्त प्याऊ की व्यवस्था की गई है। नगर निगम ने सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू किया है ताकि तापमान को नियंत्रित किया जा सके। जिला प्रशासन ने अस्पतालों को हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए विशेष वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा, “हम गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लोग सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से धूप में न निकलें।”

मौसम विभाग की सलाह

मौसम विभाग ने नागरिकों के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

हाइड्रेशन: दिनभर में 3-4 लीटर पानी पिएं। नींबू पानी, ओआरएस, और नारियल पानी का सेवन करें।

सुरक्षा: धूप में निकलते समय छाता, टोपी, या दुपट्टा इस्तेमाल करें। हल्के और ढीले कपड़े पहनें।

समय प्रबंधन: दोपहर 11 बजे से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचें, जब तापमान सबसे अधिक होता है।

बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान: बच्चों और वृद्धजनों को विशेष रूप से गर्मी से बचाएं, क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं।

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