बरेली मे अवैध माँझा बना रहे फैक्ट्री मे धमाका, शव के चिथड़े उड़े, 3 किलोमीटर तक सुनाई दिया धमाका

7 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज मे एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोगों की मृत्यु हो गई। धमाका इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज़ लगभग 3 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, इस धमाके की वजह से फैक्ट्री मालिक सहित दो कारीगरों के चिथड़े उड़ गए। माँझा बनाने के लिए काँच, गंधक, पोटाश और लोहे के बुरादे का इस्तेमाल किया जाता है। खबर है की मिश्रण तैयार करते समय ही यह हादसा हुआ। आसपास के लोगो से मिली जानकारी के अनुसार आतिक जिस घर मे रहता था वह तीन मंज़िला है। और घर के बाहर गली ने आने जाने वालों के ऊपर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए थे। प्रथम तल मे अतीक माँझा और कच्चे माल का स्टॉक रखता था।

घटना का विवरण:

स्थानीय निवासी अतीक के घर में अवैध रूप से पटाखे बनाने का कार्य चल रहा था।अतीक के साथ मोहल्ले के दो कारीगर फैजान और सरताज काम बाजार में आतिशबाजी का काम करते हैं, और अतीक अपने घर पर पटाखे बनाकर उन्हें सप्लाई करता था। विस्फोट के समय घर में लगभग 100 किलोग्राम बारूद मौजूद था।शुक्रवार की सुबह अचानक जोरदार धमाका हुआ, अतीक और बाकी दोनों कारीगरों के शव के चिथड़े उड़ गए, पोस्ट मार्टम के लिए उनके शवो को इकट्ठा करना पड़ा।

मृतकों और घायलों की पहचान:

इस हादसे में तीन लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमे फैक्ट्री मालिक अतीक और कारीगर फैजान तथा सरताज शामिल थे। धमाका इतना भयंकर था की अतीक और फैजान के शव 20 फीट दूर जाकर गिरे थे तथा उनके शव के चिथड़े हो गए थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हादसे के समय अतीक और फैजान माँझे के लिए लुगदी बना रहे थे तभी अचनक तेज धमाका हुआ उसमे अतीक और फैजान के चिथड़े हो गए और सरताज गंभीर रूप से घायल हो गया। अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गयी।

प्रशासनिक कार्रवाई:

घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम रवीद्र कुमार और एसएसपी अनुराग आर्य मौके पर पहुचकर घटना का जायजा लिया। अतीक और फैजान के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया गया और आसपास के इलाको को खंगाला गया। पुलिस को आशंका है शायद अभी विस्फोटक सामाग्री कही और भी रखी गयी हो। फिलहाल पुलिस ने वह पर लगे सीसीटीवी कैमरे को अपने कब्जे मे ले लिया है और जांच कर रही है। पुलिस का कहना है की ऐन वक्त पर बिजली चली गयी थी जिससे घटना सीसीटीवी कैमरे मे कैद नहीं हो सकी थी।

मांझा क्या है और इसे कैसे तैयार किया जाता है:

मांझा पतंग उड़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली विशेष प्रकार की डोर होती है, जिसे कांच के चूर्ण और गोंद के मिश्रण से लेपित किया जाता है, ताकि यह अन्य पतंगों की डोर को काट सके। मांझा बनाने की प्रक्रिया में सूती या नायलॉन की डोर को पहले गोंद में डुबोया जाता है, फिर उस पर बारीक कांच के चूर्ण का लेप किया जाता है। इसके बाद डोर को सूखने के लिए लटकाया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद सावधानीपूर्वक की जाती है, क्योंकि कांच के चूर्ण के कारण डोर बेहद धारदार हो जाती है।

सुरक्षा के प्रति लापरवाही:

इस घटना से स्पष्ट होता है कि अवैध रूप से पटाखे बनाने का कार्य बिना किसी सुरक्षा मानकों के किया जा रहा था, जिसके परिणामस्वरूप यह भयावह हादसा हुआ। अवैध पटाखा निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह मानव जीवन के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करता है।

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