प्रयागराज में महाकुंभ के बाद अब उसकी झलक वाराणसी में भी दिखने वाली है धर्म और संस्कृति की राजधानी काशी में अखाड़ा के नागा संन्यासियों का जुटना शुरू हो गया है वे प्रतिदिन गंगा स्नान के बाद बाबा काशी विश्वनाथ की पूजा अर्चना करेंगे और उन्हें अर्ध देंगे ।
7 फरवरी तक काशी पहुचेंगे अखाड़े
बसंत पंचमी पर महाकुंभ में अमृत स्नान के अखाड़े के नागा संन्यासियों ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया आप भी काशी आने की तैयारी कर रहे हैं इस दौरान बुधवार से साधु संतों का काशी आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा 7 फरवरी तक नागा साधुओं के काशी पहुंचने की संभावना है इस दौरान उनके धर्म ध्वजा महाशिवरात्रि के बाद छावनी से उतारी जाएगी ।
8 फरवरी को महाकुंभ में वीरशैव संप्रदाय की पालकी यात्रा निकाली जाएगी इस यात्रा में दक्षिण भारत से इसी संप्रदाय के 1600 शामिल होंगे इसमें संप्रदाय के चार पीठ के पीठाधीश्वर भी शामिल रहेंगे इसके बाद सभी अनुयाई वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे और महाशिवरात्रि तक काशी में ही रहेंगे
महाशिवरात्रि पर निकाली जाएगी पेशवाई यात्रा
सभी अखाड़े मिलकर महाशिवरात्रि पर पेशवाई निकाल कर बाबा विश्वनाथ का दर्शन और पूजा अर्चना करेंगे। अखाड़े के मठ दशश्वमेध घाट, कबीर चौरा, कपिलधारा, राजघाट आदि लाखों में स्थापित है जूना अखाड़े की पेशवाई हनुमान घाट मठ से निकाली जाएगी। सभी अखाड़ों के साधु संत होली तक काशी में रहेंगे काशी में होली मनाने के बाद अन्य शाखों के लिए प्रस्थान करेंगे।
काशी में नए नागा साधु को मिलेगा प्रमाण पत्र
इस दौरान जिन्ना गांव की दीक्षा कुंभ नगरी में हुई है उनको काशी में अखाड़े की तरफ से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा इसके साथी जो नए महामंडलेश्वर, महंत आदि बने हैं उन सदस्यों को भी अपनी मोहर छाप काशी से ही बनवानी पड़ेगी महाकुंभ के साथी उनकी पुरानी सभी प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया जाता है अब काशी में इसको नए सिरे से बनवाया जाता हैं।