उत्तर प्रदेश बजट 2025-2026: छात्राओं को स्कूटी, युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट सहित कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ
लखनऊ, 20 फरवरी 2025: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आज राज्य विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.8% अधिक है। इस बजट में राज्य के युवाओं, महिलाओं, किसानों और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना: छात्राओं के लिए सौगात
महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ‘रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना’ की घोषणा की है। इस योजना के तहत मेधावी छात्राओं को निःशुल्क स्कूटी प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी शिक्षा में सुविधा और प्रोत्साहन मिलेगा। इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना: युवाओं को डिजिटल उपकरण
डिजिटल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना’ के तहत अब तक 49.86 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं। सरकार ने इस योजना को जारी रखते हुए आगामी वित्तीय वर्ष में लाखों और युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदान करने का लक्ष्य रखा है, जिससे वे ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों का लाभ उठा सकें।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान: ब्याज मुक्त ऋण
युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत युवाओं को बिना गारंटी के ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित कर सकें। इस पहल के माध्यम से हर साल 1 लाख नए सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना: कौशल विकास में वृद्धि
कौशल विकास को महत्व देते हुए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ के तहत 54,833 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जो उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता करेगा।
बुनियादी ढांचे का विकास: सड़कों और पुलों के लिए विशेष प्रावधान
राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट का 22% हिस्सा आवंटित किया गया है। इसमें सड़कों, पुलों, बाईपास और रिंगरोड के निर्माण और चौड़ीकरण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। सड़कों के रखरखाव के लिए 3,000 करोड़ रुपये, सड़क निर्माण के लिए 2,800 करोड़ रुपये, और ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिए 1,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि और सिंचाई: किसानों के लिए राहत
किसानों की सहायता के लिए सरकार ने मुफ्त सिंचाई सुविधा के लिए 1,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। साथ ही, नलकूपों के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये और ‘मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना’ के लिए 1,100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे किसानों को सिंचाई में सहायता मिलेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी और टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क की स्थापना
प्रदेश को तकनीकी हब के रूप में विकसित करने के लिए ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिटी’ की स्थापना की जाएगी। साथ ही, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ‘टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रांसलेशन पार्क’ की स्थापना की जाएगी। इन पहलों से राज्य में तकनीकी नवाचार और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार: स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी लैब्स
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए प्राथमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए ‘पीएम श्री योजना’ के तहत 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
पर्यटन और सांस्कृतिक विकास: धार्मिक स्थलों का संवर्धन
राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थलों के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। अयोध्या में पर्यटन विकास के लिए 150 करोड़ रुपये, मथुरा-वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ रुपये, और चित्रकूट में पर्यटन विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, जनउपयोगी मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
नवीन योजनाएँ और पहलें
टेक्सटाइल पार्क की स्थापना: वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
पॉवरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना: इस योजना के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे छोटे उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध हो सके।
खादी विपणन विकास योजना: खादी उत्पादों के विपणन और विकास के लिए 32 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
माटी कला बोर्ड: पारंपरिक मिट्टी कला को प्रोत्साहित करने के लिए 11.50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।