वाराणसी में रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, जाने आखिर क्या है मामला

वाराणसी में रोपवे के निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, आखिर क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से वाराणसी में बना रहे हैं रोपवे के निर्माण को तत्काल रोकने के आदेश दिए गए हैं। कोर्ट ने आदेश तीन महिलाओं की उसे याचिका पर दिया है। जिसमें कहा गया था कि उनकी जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही प्रशासन ने रोपवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। याचिकाकर्ताओ ने इससे पहले भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पर हाई कोर्ट ने उस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने इस मामले में सभी तथ्यों पर विचार विमर्श करने के बाद रोपवे के निर्माण पर रोक लगाने के निर्देश दे दिए। जिससे रोपवे का निर्माण अब रुक जाएगा अब रोपवे जिस हालत में है इस स्थिति में रहेगा उसके आगे उसमें कोई निर्माण नहीं किया जाएगा।

हाई कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया

याचिकाकर्ताओं की तरफ से पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगाने से साफ-साफ इनकार कर दिया था। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट का रुख किए। देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी कर संबंधित पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है साथ इस मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को की जाएगी।

न्यायालय में मनसा सिंह और अन्य दो महिलाओं ने याचिका दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि प्राधिकरण ने उनकी फ्री होल्ड संपत्ति पर अवैध रूप से तोड़फोड़ की न तो जमीन का अधिकरण किया और नहीं किसी तरीके का उन्हें मुआवजा दिया गया। कहा गया कि बिना कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया रोपवे का निर्माण कर उनकी संपत्ति पर शुरू कर दिया गया।

अप्रैल-मई मे शुरू करने की थी तैयारी

वाराणसी में रोपवे परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति पर है। नवीनतम जानकारी के अनुसार, इसका पहला चरण अप्रैल-मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस चरण में कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक 4 किलोमीटर की दूरी को कवर किया जाएगा, जिससे यात्री मात्र 16 मिनट में यह सफर तय कर सकेंगे।

रोपवे के माध्यम से यात्री वाराणसी कैंटोनमेंट क्षेत्र से काशी विद्यापीठ (भारत माता मंदिर), रथयात्रा, गिरिजाघर, और गोदौलिया चौक तक की यात्रा आसानी से कर सकेंगे। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 645 करोड़ रुपये है।

किराए के संबंध में, प्रस्तावित दरें ऑटो रिक्शा के समान होंगी। उदाहरण के लिए, कैंट से गोदौलिया तक की यात्रा के लिए औसतन 60 रुपये किराया निर्धारित किया गया है।

इस परियोजना के पूरा होने से वाराणसी में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी और पर्यटकों को एक नया अनुभव प्राप्त होगा।

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