संपत्ति विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रुकेगा: यूपी मुख्य सचिव

संपत्ति विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रुकेगा: यूपी मुख्य सचिव

संपत्ति विवरण न देने वाले कर्मचारियों का वेतन रुकेगा: यूपी मुख्य सचिव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर दिया है। इस नियम का पालन न करने वाले कर्मचारियों को मार्च माह का वेतन नहीं मिलेगा। यह निर्देश राज्य के मुख्य सचिव द्वारा जारी किया गया है।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकारी सेवकों को हर साल अपनी अचल और चल संपत्तियों का विवरण निर्धारित प्रारूप में जमा करना होता है। इस बार सरकार ने सख्ती दिखाते हुए स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी 28 फरवरी 2025 तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा।

कर्मचारियो को 31 दिसंबर 2025 तक ही समय दिया गया था। लेकिन बहुत से कर्मचारियो ने अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। मुख्य सचिव ने साफ कह दिया है की जो कर्मचारी 28 दिसंबर तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देते है। उनकी सैलरी रोक दी जाएगी।

सख्ती का उद्देश्य

राज्य सरकार का मानना है कि यह कदम पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। सरकार के अनुसार, कई कर्मचारी हर साल संपत्ति विवरण दाखिल करने में लापरवाही बरतते हैं, जिससे उनकी आय के स्रोतों पर संदेह उत्पन्न होता है। इस निर्णय का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना और सरकारी सेवाओं में स्वच्छता बनाए रखना है।

किन्हें देना होगा विवरण?

सभी सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी, चाहे वे किसी भी स्तर पर हों, इस नियम के अंतर्गत आते हैं। विशेष रूप से, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), प्रोविंशियल सिविल सर्विस (PCS), पुलिस सेवा (IPS) और अन्य राज्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए यह अनिवार्य है।

वेतन रोकने की प्रक्रिया

मुख्य सचिव के निर्देशानुसार, जो कर्मचारी या अधिकारी अपनी संपत्ति का विवरण समय सीमा तक जमा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सबसे पहले उनका वेतन रोक दिया जाएगा, और यदि फिर भी वे अनुपालन नहीं करते हैं, तो विभागीय जांच शुरू की जा सकती है।

कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

सरकारी कर्मचारियों के बीच इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ कर्मचारियों का मानना है कि सरकार की यह पहल पारदर्शिता के लिए सही कदम है, जबकि कुछ इसे अनावश्यक दबाव के रूप में देख रहे हैं।

सरकार की अगली रणनीति

मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में सरकार इस नियम को और कड़ा कर सकती है। यदि कोई कर्मचारी अपने संपत्ति विवरण में गड़बड़ी करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की इस सख्ती से सरकारी तंत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और कर्मचारियों को अपने वित्तीय विवरण सही रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अब देखना होगा कि कर्मचारी इस नियम का कितना पालन करते हैं और सरकार इसे लागू करने में कितनी सख्ती दिखाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *