दिल्ली विधानसभा चुनाव: कल पता लगेगा कौन बैठेगा दिल्ली की गद्दी पर बीजेपी या फिर आम आदमी पार्टी

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान 5 फरवरी को संपन्न हुआ, और परिणामों की घोषणा 8 फरवरी को की जाएगी। इस बीच, विभिन्न समाचार चैनलों और एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल्स ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है, जबकि कांग्रेस की उपस्थिति सीमित दिखाई दे रही है।

एग्जिट पोल्स के नतीजे:

विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल्स के अनुसार, भाजपा को बढ़त मिलती दिख रही है। हालांकि, कुछ पोल्स में आप के लिए भी सकारात्मक संकेत हैं। उदाहरण के लिए, मैट्रिज़ के एग्जिट पोल में भाजपा को 35-40 सीटें और आप को 32-37 सीटें मिलने का अनुमान है, जो एक त्रिशंकु विधानसभा की ओर संकेत करता है। वहीं, पी-मार्क के पोल में भाजपा को 39-49 सीटें और आप को 21-31 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। पीपल्स इनसाइट के अनुसार, भाजपा को 40-44 सीटें और आप को 25-29 सीटें मिल सकती हैं। इन पोल्स के औसत के अनुसार, भाजपा को 37-44 सीटें और आप को 24-31 सीटें मिलने की उम्मीद है।

मुख्य दलों की स्थिति:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा): भाजपा ने इस चुनाव में आक्रामक प्रचार किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रमुख रैलियों को संबोधित किया। पार्टी ने विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन को अपने मुख्य मुद्दों के रूप में प्रस्तुत किया।

आम आदमी पार्टी (आप): आप ने अपने पिछले कार्यकाल में किए गए कार्यों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं में सुधार को प्रमुखता से उजागर किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी ने स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

कांग्रेस: कांग्रेस इस बार भी संघर्ष करती नजर आई। एग्जिट पोल्स के अनुसार, पार्टी को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान है, जो उसकी कमजोर स्थिति को दर्शाता है।

चुनाव प्रक्रिया और मतदान प्रतिशत:

चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार दिल्ली में 60.45% मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव की तुलना में 2.37% कम है। मतदान शांतिपूर्ण रहा, और कहीं से भी किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं मिली।

विश्लेषकों की राय:

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की बढ़त का मुख्य कारण राष्ट्रीय मुद्दों पर उसका फोकस और केंद्रीय नेतृत्व की सक्रियता है। वहीं, आप की संभावित सीटों में कमी का कारण स्थानीय मुद्दों पर अपेक्षित समर्थन न मिल पाना हो सकता है। कांग्रेस की स्थिति में सुधार न होने का कारण पार्टी के आंतरिक विवाद और नेतृत्व की कमी को माना जा रहा है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025

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