S-500: रूस की सबसे उन्नत वायु रक्षा प्रणाली एयर डिफेंस सिस्टम, क्या भारत खरीदेगा ?
S-500 “परोमेतियस” (Prometheus) रूस की नई पीढ़ी की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे मुख्य रूप से मिसाइल हमलों और हवाई खतरों से बचाव के लिए विकसित किया गया है। इसे “55R6M” के नाम से भी जाना जाता है और यह रूस की वर्तमान S-400 प्रणाली से कहीं अधिक उन्नत और शक्तिशाली है।
S-500 क्या है?
S-500 एक लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वायु रक्षा प्रणाली (Surface-to-Air Missile System) है। इसे रूस की रक्षा कंपनी Almaz-Antey द्वारा विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य अत्याधुनिक हाइपरसोनिक मिसाइलों, बैलिस्टिक मिसाइलों, स्टील्थ एयरक्राफ्ट और उपग्रहों को नष्ट करना है।
मुख्य विशेषताएँ:
रेंज: 600 किमी तक
हाइपरसोनिक मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता
एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम
स्टील्थ एयरक्राफ्ट और ड्रोन को भी ट्रैक कर सकता है
अंतरिक्ष में भी खतरों को रोक सकता है
S-500 की प्रमुख क्षमताएँ
- बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD)
S-500 हाइपरसोनिक और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBMs) को ट्रैक और नष्ट कर सकता है। इसकी मिसाइलें 7 किमी/सेकंड (Mach 20+) की गति से यात्रा कर सकती हैं। - हाइपरसोनिक टार्गेट्स को नष्ट करने की क्षमता
यह हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसे अमेरिका की Hypersonic Glide Vehicles (HGVs) और चीन की DF-ZF जैसी मिसाइलों को भी निशाना बना सकता है। - स्टील्थ फाइटर जेट्स को ट्रैक करने की क्षमता
S-500 में F-35 और B-2 जैसे स्टील्थ एयरक्राफ्ट को भी पहचानने और मार गिराने की क्षमता है। - अंतरिक्ष से आने वाले खतरों को रोकने में सक्षम
रूस का दावा है कि S-500 कम ऊँचाई पर पृथ्वी की कक्षा (Low Earth Orbit – LEO) में उपग्रहों को भी मार सकता है।
S-500 बनाम S-400: क्या अंतर है।
विशेषता S-400 S-500
रेंज 400 किमी 600 किमी
लक्ष्य क्रूज मिसाइल, लड़ाकू विमान हाइपरसोनिक मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, उपग्रह
एक साथ हमले की क्षमता 36 लक्ष्य 40+ लक्ष्य
उन्नत रडार सिस्टम हाँ अत्यधिक उन्नत रडार
S-500 का रणनीतिक महत्व
रूस की सुरक्षा को और मजबूत करेगा।
अमेरिका और NATO के स्टील्थ टेक्नोलॉजी वाले एयरक्राफ्ट के लिए खतरा।
भारत जैसे देशों के लिए एक संभावित रक्षा विकल्प।
हाइपरसोनिक मिसाइलों से सुरक्षा प्रदान करेगा।
S-500 और भारत: क्या भारत इसे खरीदेगा?
भारत पहले ही रूस से S-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीद चुका है। S-500 को लेकर भी भारत में रुचि हो सकती है, क्योंकि भारत को चीन और पाकिस्तान से बैलिस्टिक मिसाइल हमलों का खतरा रहता है। हालांकि, अभी तक भारत ने इस प्रणाली को खरीदने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
क्या रूस S-500 बेचता है?
फिलहाल, रूस S-500 प्रणाली को अन्य देशों को नहीं बेच रहा है। रूस की आधिकारिक नीति के अनुसार, पहले इसे रूसी सेना के लिए पूरी तरह से विकसित और तैनात किया जाएगा, उसके बाद ही किसी अन्य देश को निर्यात पर विचार किया जाएगा।
रूस का निर्यात नीति और संभावित ग्राहक
रूस ने 2021 में कहा था कि S-500 फिलहाल केवल रूसी सेना के लिए होगा।
रूस ने भारत और चीन जैसे रणनीतिक साझेदारों को भविष्य में निर्यात की संभावना से इंकार नहीं किया है।
भारत, तुर्की और कुछ मध्य-पूर्वी देशों ने इस प्रणाली में रुचि दिखाई है।
रूस S-500 बेचने को तैयार होगा?
रूस ने संकेत दिया है कि भविष्य में वह अपने करीबी सहयोगियों को S-500 निर्यात कर सकता है, लेकिन अभी इसकी कोई आधिकारिक डील नहीं हुई है। संभावित ग्राहक भारत, चीन और तुर्की हो सकते हैं।